प्रतापगढ़ - कुंडा, अप्रैल 21 -- गंगा में गंदा पानी न गिरे इसके लिए नगर पंचायत मानिकपुर में चार वर्ष पहले नमामि गंगे योजना के तहत तीन करोड़ रुपये की लागत से एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) की स्थापना कराई गई। इसका निर्माण पूरा होने के बाद यहा कर्मचारी भी नामित कर दिए जिन्हें हर महीने लाखों रुपये मानदेय दिया जाता है लेकिन इसका संचालन नहीं होने से नगर सहित ग्रामीण इलाकों से आने वाला गंदा पानी नालों के माध्यम से गंगा में ही गिर रहा है, इससे गंगा का जल प्रदूषित हो रहा है। गंगा के किनारे रहने वाले लोग गंगा को मां का दर्जा देते हैं और ऐसे परिवार नियमित गंगा में ही स्नान करते हैं लेकिन मानिकपुर में गंगा के जिस घाट पर लोग स्नान करते हैं उससे महज चंद कदम की दूरी पर नगर के गंदे नाले का पानी गंगा में गिरता है जो ग्रामीणों के लिए समस्या पैदा करता है। इ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.