प्रतापगढ़ - कुंडा, मार्च 6 -- गांवों को सजाने संवारने में रोजगार सेवक कोई कसर नहीं छोड़ते लेकिन उनकी खुद की जिंदगी बदरंग रहती है। गांवों में नियुक्त रोजगार सेवक मनरेगा के तहत जॉबकार्ड धारकों को रोजगार दिलाते हैं। गांवों में चकरोड, सड़कें, नालियां, तालाब और अमृत सरोवर बनवाते हैं। प्रशासन के हर छोटे-बड़े सर्वे सहित अन्य कार्यों में इनकी ड्यूटी लगाई जाती है और उसे रोजगार सेवक पूरी ईमानदारी से पूरा करते हैं। बावजूद इसके जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण उनकी स्थिति दयनीय होती जा रही है इन्हें मानदेय के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है। ग्राम प्रधान और सम्बंधित अफसरों के रहमोकरम पर इन्हें जीना पड़ता है। ट्रांसफर और प्रमोशन का इन्हें मतलब ही नहीं पता है। साथ ही अन्य कई समस्याओं से जूझते हुए रोजगार सेवक अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। जिले में क...