प्रतापगढ़ - कुंडा, मार्च 1 -- कहावत है कि तीन में न तेरह में कुछ इसी तरह का हाल चार साल पहले 2020 में गठित नगर पंचायत ढकवासियों की हो गई। जब यहां की कुछ ग्राम पंचायतों को मिलाकर नगर पंचायत ढकवा का गठन किया तो यहां के लोगों में गजब का उल्लास और खुशी थी। सभी के मन में ग्रामीण से शहरी बनने और तरह-तरह की मूलभूत सुविधाएं मिलने के सपने थे। ग्रामीणों का मानना था कि शहरी बनने के बाद उन्हें बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सहूलियतें आसानी से मिल जाएंगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। करीब चार वर्ष बीत गए। ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से कोसो दूर हैं। सड़क, बिजली, पेयजल, नाली की राह देख रहे नगर के लोग कहते हैं कि गांव में रहकर ही खुश थे। शहरी बनने के बाद तो विकास की रफ्तार ही थम गई। शहर में शामिल होने से पहले सोचते थे कि इसके बाद मोहल्ले की दशा सुधर जाएगी जबकि ह...