प्रतापगढ़ - कुंडा, अक्टूबर 13 -- माना जाता है कि गांव के विकास कार्य के लिए शासन के सभी आदेश-निर्देश का अनुपालन पंचायत भवन से कराया जाता है। गांवों के कायाकल्प के लिए सरकारी तमाम योजनाएं संचालित हैं और इसके लिए सरकार ने खजाना भी खोल रखा है। लेकिन, पंचायत भवन को लावारिस छोड़ देने से व्यवस्था की 'विकास एक्सप्रेस बेपटरी हो गई है। जिम्मेदार यदि 50 फीसदी भी कार्य करा दें तो ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिलने लगेगा। जिम्मेदार सरकारी बजट खर्च तो करते हैं लेकिन उसका कोई फायदा ग्रामीणों को नहीं मिलता। इस बात की पुष्टि करना हो तो विकास खंड आसपुर देवसरा की ग्राम पंचायत भांटी कला तक जाना पड़ेगा। यहां ग्रामीणों की सहूलियत के लिए बनाए गए पंचायत भवन को जिम्मेदारों ने लावारिस छोड़ दिया है। नतीजा कमरों में आसपास रहने वालों ने कंडी, लकड़ी के साथ कूड़...
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