प्रतापगढ़ - कुंडा, अप्रैल 23 -- जिन छोटे किसानों की आय का कोई अतिरिक्त जरिया नहीं होता उनके लिए पशुपालन ही सहारा बनता है। किंतु खेती के बीच समय निकालकर पशुपालन से जो दूध का उत्पादन किसान कर रहे हैं उसका सही दाम मिलना मुश्किल हो जा रहा है। निजी कंपनियों के दूध कलेक्शन सेंटर तो जगह-जगह खुल गए हैं। लेकिन इनकी मशीन और दूध का दाम घटाने/बढ़ाने की प्रक्रिया दोनों पशुपालकों की समझ में नहीं आती। कलेक्शन सेंटर से फैट या स्नफ कम अथवा अधिक बताकर उनके दूध का दाम कम कर दिया जाता है। ऐसे किसान/पशुपालकों ने आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान से समस्या साझा करते हुए इससे निजात दिलाने की मांग की है। पशुपालन करने वाले छोटे किसानों से दूध खरीदने के लिए निजी कंपनियों ने ग्रामीण इलाकों में अपने दूध कलेक्शन सेंटर खोल रखे हैं। भीषण गर्मी, मच्छर, गोबर आदि की चिंता न कर दि...
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