बेगुसराय, फरवरी 25 -- भोजन व नाश्ते कराकर लोगों को तृप्त करने वाले छोटे होटल संचालक खुद रोनी सूरत लिए नजर आते हैं। प्रतिदिन लाखों लोग यात्रा की वजह से गतिमान रहते हैं। भूख लगने पर लोगों को भोजन व नाश्ते की जरूरत होती है। होटल संचालक लोगों को भोजन व नाश्ते कराकर क्षुधा से तृप्त करते हैं, लेकिन होटल संचालकों व होटलों में काम करने वाले लोगों जिंदगी में कई मुसीबतें हैं। परमसलीला भगीरथी के उत्तरायणी गंगातट पर तकरीब सौ के करीब छोटे-बड़ें भोजनालय तथा नाश्ते की दुकानें हैं। स्थानीय हलवाई-पंडा समाज के द्वारा भोजनालय चलाये जा रहे हैं। कच्चे भोजन सामग्री की दरों में अनिश्चतता रहने के कारण होटल संचालकों को भोजन तथा नाश्ते का रेट निश्चित रखने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था नहीं रहने के कारण उनका व्यवसाय चौपट होता...