बेगुसराय, मार्च 11 -- भारतीय रेलवे की ताकत उसके कर्मचारी हैं-ट्रैकमैन, लोको पायलट और इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारी-जो कठिन परिस्थितियों में भी अपनी जिम्मेदारियां निभाते हैं। लेकिन बदले में उन्हें बुनियादी सुविधाएं, सुरक्षित कार्यस्थल और समय पर वेतन लाभ तक नहीं मिलते। ट्रैकमैन जोखिम भरे हालात में काम करते हैं, लोको पायलट लंबी शिफ्ट में बिना जरूरी सुविधाओं के ट्रेन चलाते हैं। इंजीनियरिंग कर्मचारी संसाधनों की कमी से जूझते हैं। उनकी प्रमुख मांगें हैं-बकाया डीए भत्ते का शीघ्र भुगतान, ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली और वेतन-सुविधाओं में सुधार, ताकि वे बेहतरी से अपना कर्तव्य निभा सकें। भारतीय रेलवे की नींव कहे जाने वाले लाखों कर्मचारी दिन-रात अपनी मेहनत से इस विशाल नेटवर्क को सुचारू रूप से चलाने में लगे रहते हैं। चाहे चिलचिलाती धूप हो, मूसलाधार बारिश ...