पटना, फरवरी 21 -- व्यक्ति के जन्म के शुभ अवसर से लेकर अंतिम यात्रा तक साथ निभाने से लेकर शादी समारोह की रौनक बढ़ाने वाले बैंड बाजा वर्कर पेशे की धूमिल होती चमक से चिंतित हैं। हर खुशी के मौके पर लोगों को आनंदित करने वाले बैंड बाजा में काम करने वाले लोग खुद अवसाद में जीते हैं। डीजे के शोर में बैंड बाजे की मधुर आवाजें लगातार दबती जा रही हैं। शादी-विवाह का सीजन समाप्त होने के बाद बैंड बाजा में काम करने वाले लोग बेकार हो जाते हैं। साल में दो से तीन महीने की कमाई के आसरे पूरे वर्ष जीवन यापन करने की विवशता है। लोगों का कहना है कि हमारे स्वास्थ्य की जांच को नियमित शिविर लगे। शादी-ब्याह से लेकर हरेक शुभ कार्य बैंड बाजे के बिना फीका लगता है। बैंड बाजे वाले शुभ कार्य में लोगों को आनंदित करने का काम करते हैं। बेगूसराय जिले में तकरीबन ढ़ाई सौ बैंड पार्ट...