बुलंदशहर, अगस्त 11 -- खेलो इंडिया, फिट इंडिया जैसे तमाम अभियानों के बाद भी अभी भी एथलेक्टिस खिलाड़ियों के लिए स्थितियां सुगम नहीं हो पाई हैं। धावक (दौड़ लगाने वाले खिलाड़ी) संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। इससे उनका प्रदर्शन भी प्रभावित हो रहा है। धावकों का कहना है कि आर्थिक संसाधनों की कमी के कारण उनके पास अच्छे जूते नहीं हैं। बेहतर डाइट का भी अभाव रहता है। ट्रैक नहीं होने के कारण उनको मिट्टी के ट्रैक और ग्रामीण क्षेत्र में सड़क किनारे प्रैक्टिस करनी होती है। यदि उन्हें भी अन्य खिलाड़ियों जैसी सुविधाएं मिलने लगेंगी तो वह भी हवा से बात करने का दमखम रखते हैं। कम से कम जिले में एक रनिंग ट्रैक तो बनना ही चाहिए। इससे काफी हद तक परेशानी दूर हो सकेंगी। जिला बुलंदशहर क्रांतिकारी धरा के साथ-साथ कई खिलाड़ियों के नाम भी प्रख्यात है। जिले में दो स्टेड...