बुलंदशहर, जून 27 -- उफनती गंगा की धारा के बीच जब कोई डूब रहा हो तो गोताखोर जान हथेली पर रखकर उन्हें बचाने के लिए अपनी जान की बाजी तक लगा देते हैं। डूबने वाले के लिए गोताखोर देवदूत बन गंगा में छलांग लगाकर काल के ग्रास से सकुशल बचा लेते हैं। पीड़ित परिवार इन्हें धनराशि इनाम स्वरूप देते हैं उसे से ये अपने परिवार का लालन पोषण करते हैं। अनूपशहर से निकल रही गंगा नदी के घाट पर करीब 300 गोताखोर तैनात हैं। इसके बाद भी इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। सरकार द्वारा गोताखोरों को आधुनिक उपकरण लाइफ जैकेट, ऑक्सीजन सिलेंडर देने चाहिए। जनपद बुलंदशहर में अनूपशहर को धार्मिक नगरी के रूप में जाना जाता है। क्योंकि यहां पर पतित पावनी गंगा निकल रही है। जहां पर हर महीने की अमावस्या और पूर्णिमा पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करने के साथ-स...