बिजनौर, अगस्त 11 -- नजीबाबाद की मालन नदी से सटी कछियाना बस्ती में हर साल बरसात राहत नहीं, आफत लेकर आती है। बाढ़ का पानी जब घरों में घुसता है, तो साल भर की मेहनत से सहेजा अनाज और ज़रूरी सामान बर्बाद हो जाता है। खेत-खलिहान जलमग्न हो जाते हैं, और मुआवजे के नाम पर बस्तीवासियों को केवल सरकारी दफ्तरों के चक्कर और वादों का आश्वासन ही मिलता है। कछियाना बस्ती वासी कई दशक से इस समस्या का समाधान मिलने की आस में जिंदगी गुजार रहे हैं। नजीबाबाद में मालन से सटी कछियाना बस्ती के लोगों के लिए हर साल बरसात आफत लेकर आती है। बाढ़ का दंश झेलने के मजबूर लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या घरों में घुसने वाले पानी से होती है जिसमें साल भर तक जो सहेज कर रखा गया अनाज और अन्य सामान खराब हो जाता है। फसले जलमग्न हो जाती है। मुआवजे के नाम पर केवल उन्हें अधिकारियों के दफ्...
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