बिजनौर, मई 19 -- ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहर के किसी भी कोने में हेयर सैलून की दुकानें देखी जा सकती हैं। एक समय था जब थोड़ी सी पूंजी में ही कारोबार शुरु हो जाता था, लेकिन बदलते समय के साथ सैलून खोलना काफी मंहगा हो गया है। इस क्षेत्र में दूसरी बिरादरी के लोग भी आ गए हैं। अब यह किसी समाज की पहचान ना होकर एक बड़े कारोबार में तब्दील हो गया है। जिसका खामियाजा परंपरागत रूप से करते आ रहे समुदाय को उठाना पड़ रहा है। यह वर्ग आज भी सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं। लोगों का कहना है कि काफी सैलून संचालकों और वहां काम करने वाले लोगों के पास स्वास्थ्य बीमा तक नहीं है। बढ़ी महंगाई और कम आमदनी के कारण उन्हें परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने प्रशासन और सरकार से समस्या पर ध्यान देने की मांग की है। जिले भर में करीब 5 हजार से अधिक हेयर सैलून संचालक बाल ...