बिजनौर, मई 1 -- एक मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है। एक दिन में मजदूरों की जिंदगी में कुछ नहीं बदलता है। अधिकांश मजदूरों को मजदूर दिवस के बारे में कोई जानकारी भी नहीं है। उन्हें तो रोज की तरह अपने काम पर आना है और मेहनत कर अपने बच्चों के लिए रोटी का इंतजाम करना है। मजदूरों का कहना है कि उनकी मेहनत के हिसाब से उनको पारिश्रामिक नहीं मिलता है। जिसके चलते महंगाई के इस दौर में परिवार को चलाना उनके लिए बेहद मुश्किल होता जा रहा है। हजारों मजदूर आज भी समस्याओं से जूझ रहे हैं। मजदूरों को अक्सर उनकी मेहनत के मुताबिक पारिश्रमिक नहीं मिलता। मजदूरों को मनरेगा से भी कम मजदूरी दी जाती है। उनके लिए किसी तरह की कोई सुविधा भी नहीं है। मजदूरों का कहना है कि उनको सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलता है। अधिकांश मजदूरों के आयुष्मान कार्ड भी नहीं हैं। विश्व में ए...