बिजनौर, मई 21 -- जिनके अनुभव से सीखा, जिनकी छांव में पले हम,बुजुर्ग हैं वो धरोहर, जो सिखाएं जीने का मर्म। यह शेर बिजनौर के उन बुजुर्गों को समर्पित है, जिन्होंने समाज को अपनी मेहनत और अनुभव से समृद्ध किया है। लेकिन क्या हम उनके लिए उतना ही कर पा रहे हैं, जितना वे हमारे लिए करते आए हैं? भारतीय समाज में बड़े-बुजुर्गों को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता रहा है, लेकिन बदलती जीवनशैली और सामाजिक ताने-बाने ने उनकी स्थिति को काफी हद तक प्रभावित किया है। सम्मान और उपेक्षा के बीच झूल रहे आज के वरिष्ठ नागरिक कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, जिनकी अनदेखी नहीं की जा सकती। बिजनौर, उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध जिला, अपनी खेती और गंगा नदी के किनारे बसे शांत जीवन के लिए जाना जाता है। लेकिन इस शांतिपूर्ण शहर में वरिष्ठ नागरिकों की स...
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