बिजनौर, सितम्बर 6 -- बरसात और बाढ़ ने मजदूरों और किसानों की जिंदगी को ऐसा झकझोर दिया कि उनके घरों में भूख और बेबसी का सन्नाटा पसरा है। गांव से शहर तक हर ओर हालात खराब हैं। खेत बर्बाद हो गए, फसलें पानी में डूब गईं और शहरों में दिहाड़ी के दरवाजे बंद हो गए। सबसे ज्यादा मार मजदूरी करने वाले श्रमिकों पर पड़ी है, जो रोजाना मेहनत कर शाम को बच्चों का पेट भरते हैं। काम मिलने की उम्मीद लिए लेबर अड्डे पर मजदूरों की आंखों में मायूसी नजर आती है। काम मिले तो उनके घर का चूल्हा भी जले। मजदूरी की तलाश में बड़ी संख्या में मजदूर नगर पालिका चौराहे पर आकर खड़े होते हैं। वहीं से लोग इन्हें काम देकर अपने साथ ले जाते हैं। हजारों की संख्या में रोज मजदूर काम का इंतजार करते हैं। पिछले काफी दिनों से जिले में हो रही झमाझम बारिश से इन मजदूरों का काम छिन गया है। बारिश के...