बिजनौर, मई 26 -- परिषदीय स्कूलों में रसोइयां बच्चों के लिए मिड-डे मील बनाती हैं और उन्हें खाना खिलाती हैं। वहीं रसोइयां कई मूलभूत सुविधाएं न मिलने समेत मात्र दो हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलना हैं। रसोइयों को सरकार की तरफ से 12 माह की जगह 10 माह का मानेदय ही मिलता है। यह भी समय पर नहीं मिलता। मानदेय के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है। इतने कम मानदेय में घर चलाना मुश्किल हो रहा है। रसोइयों का कहना है कि उनका मानदेय बढ़ाया जाए और पूरे 12 महीने का मानदेय मिलना चाहिए। रसोइयों का कहना है कि उन्हें भी सरकार स्थायी करें। जिले के 2119 सरकारी स्कूलों में करीब 5000 रसोइयां बच्चों का मिड-डे मील बनती है। सरकारी स्कूलों में बच्चों का खाना बना रही रसोईयां एक नहीं कई समस्याओं से घिरी हुई है। रसोईया अपनी मांगों को लेकर लगातार धरने प्रदर्शन कर रही है,बावजूद ...