बिजनौर, जून 7 -- प्राइवेट बस मालिकों के सामने जीविका चलाने का संकट पैदा हो गया है। नगीना में करीब 100 प्राइवेट बस संचालित हैं। इनके संचालक एक नहीं कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। यह समस्या पिछले काफी समय से चली आ रही है। समस्या के निस्तारण के लिए मांग उठाई, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। निजी बस संचालकों को मनमाना चालान उन्हें दर्द दे रहा है। प्राइवेट बसों का चालान होने से आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है। वहीं काफी समय के बाद चुनाव ड्यूटी का भुगतान होता है। इतना ही नहीं वाहनों को डग्गामार वाहन बताकर जुर्माना वसूला जाता है। नगीना से विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों व शहरी क्षेत्र में ई-रिक्शा व सीएनजी आटो के संचालन ने प्राइवेट बस का कारोबार पूरी तरह ठप कर दिया है। एक तरफ जहां प्राइवेट बस संचालक सरकार को प्रति वर्ष लाखों रुपए का कर देते हैं वहीं दूसर...
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