बिजनौर, जून 23 -- नगीना के कुशल कारीगरों द्वारा बनाई गई छड़ी देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी चमक बिखेर रही है। मगर आज के समय में छड़ी का यह कारोबार बंदी की कगार पर पहुंच गया है। हालात ऐसे है कि कारीगर और मजदूर अपने पुश्तैनी काम को छोड़कर रोजी के लिए अन्य काम की तलाश कर रहे हैं। कारीगरों का कहना है कि आज युवाओं को प्रशिक्षण की जरूरत है तो महंगाई के इस दौर में कच्चा माल समय पर उपलब्ध नहीं हो पाता है। जीएसटी कम होनी चाहिए। महंगाई के दौर में आज छड़ी का कारोबार फीका पड़ रहा है। छड़ी की जहां चमक फीकी पड़ रही है तो वहीं कारोबारी भी उम्मीद की एक ऐसी किरन का इंतजार कर रहे हैं जिससे छड़ी का कारोबार ऊंचाई तक पहुंचे। नगीना विश्व प्रसिद्ध काष्ठ कला उद्योग का प्रमुख अंग छड़ी ( वॉकिंग स्टिक) का कारोबार सरकार की उदासीनता तथा 12 प्रतिशत जीएसटी लगने के कारण धीरे-धी...
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