बिजनौर, सितम्बर 2 -- त्याग से तप, तप से मोक्ष की ओर अग्रसर 10 दिनों की आध्यात्मिक यात्रा है दशलक्षण पर्व। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का संदेश जियो और जीने दो की मूल भावना को जीवंत करता है। दशलक्षण महापर्व जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। इसे लेकर जैन श्रद्धालुओं में गहरा उत्साह और अपार उमंग देखने को मिल रही है। दस दिन तक चलने वाले इस पर्व पर सभी जैन मंदिरों की आकर्षक सजावट की गई हैं। वहीं पूरे वातावरण को भक्ति और आस्था के रंगों से सराबोर कर रही है। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का संदेश जियो और जीने दो की मूल भावना को जीवंत करता है। जैन समाज में इस पर्व को त्याग और तपस्या का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। मान्यता है कि दस दिनों तक इसके नियमों और साधना में डूबने से आत्मा की शुद्धि होती है और मोक्ष की ओर जाने का म...