बिजनौर, फरवरी 24 -- सात समंदर पार तक मशहूर धामपुर के तवा-कढ़ाई उद्योग पर इस समय संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कभी लघु उद्योग का चमकता सितारा माने जाने वाला यह कारोबार आज जीएसटी, मंदी और प्रशासनिक उदासीनता की मार से जूझ रहा है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि कई कारीगर मजदूरों की मजदूरी तक देने में असमर्थ हैं। कारोबार से जुड़े लुहार कहते हैं कि औद्योगिक क्रांति के दौर में हर कोई स्टार्टअप को देख रहा है। पहले से चल रहे लघु उद्योग हाशिए पर हैं। इस ओर ध्यान दिया जाए तो हालात बदल सकते हैं। जिला प्रशासन ने धामपुर के तवा कढ़ाई को एक जिला एक उद्योग में भी शामिल किया था, लेकिन इसका भी कोई नतीजा अभी तक सामने नहीं आया है। लुहारों को अपने तंग जगह पर ही काम करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। कई कारीगर अपने घरों में ही छोटे-छोटे कारखाने खोलकर अपने पैतृक का...
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