बिजनौर, सितम्बर 10 -- रावली तटबंध की स्थिति नाजुक बनी हुई है जो किसी भी समय टूट सकता है। आसपास के गांव के लोगों और सिख समाज के लोगों ने मोर्चा संभाल रखा है। दिन रात गांव के लोग श्रमदान कर तटबंध को टूटने से बचाने का प्रयास कर रहे हैं। इसे तटबंध को बचाने का जज्बा ही कहेंगे कि बच्चों से लेकर बडे़ तटबंध को बचाने में जुटे हैं। अगर आधा दर्जन गांव के ग्रामीण तटबंध को बचाने को सामने न आते तो शायद अब तक तटबंध टूटकर तबाही मचा चुका होता। ग्रामीणों का कहना है कि तटबंध को बचाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। तटबंध को बचा पाना प्रशासन के सहयोग के बिना संभव नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि हजारों की संख्या में ग्रामीण तटबंध को बचाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं। तीन दिन पहले प्रशासन को रावली तटबंध के गंगा द्वारा कटान होने का पता चला। जिला प्रशासन सि...