बिजनौर, अप्रैल 25 -- आज के इस तेजी से बदलते दौर में कार मैकेनिकों को नई-नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षण की कमी, पुराने पुर्जों की किल्लत और पार्किंग की समस्याएं उनके कार्य में बाधा डाल रही हैं। उनके सामने स्थाई ठिकाना न होना सबसे बड़ी समस्या है। कार मैकैनिक कई बार नगर पालिाक प्रशासन से उन्हें स्थाई ठिकाना देने की मांग कर चुके हैं। सके अलावा रोज नई नई टैक्नोलाजी बाजार में आ रही है। बिना प्रशिक्षण कार मैकेनिक नई टैक्नोलाजी से जूझ रहे हैं। कार मैकेनिक वाहनों की जांच, मरम्मत और रखरखाव का काम करते हैं। बिजनौर में इनकी हालत बेहतर नहीं है। बिजनौर में स्पेसर पार्ट्स की करीब 100 दुकानें हैं। जिन पर करीब 350 कार मैकेनिक काम करते हैं। जिनमें करीब 200 कार मिस्त्री, करीब 100 कार इलेक्ट्रीशियन व करीब 50 डेंटर-पेंटर है, जो समस्याओं से जूझ ...
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