बाराबंकी, मार्च 29 -- बाराबंकी। नए शैक्षणिक सत्र मतलब अभिभावकों के लिए आहत का समय। महंगी फीस के साथ महंगी कापी किताबें और फिर ड्रेस में हजारों रुपए के खर्चे। आम दुकानों से न खरीदकर निर्धारित दुकानों से ही ड्रेस खरीदने के स्कूलों के फरमान से अभिभावक न चाहते हुए भी अधिक रुपए खर्च कर रहा है। अभिभवकों में इसे लेकर आक्रोश है मगर वह मजबूरी में अधिक रुपए देकर ड्रेस तक खरीदता है। वहीं बाराबंकी शहर ही नहीं कस्बों में साधारण रेडीमेड ड्रेस के दुकानदार व्यवसाय न चलने के कारण परेशान रहते हैं। सेटिंग की दुकानों पर मिलती है तीन गुनी महंगी ड्रेस शहर से तहसील रामनगर, हैदरगढ़ कस्बा जैदपुर, मसौली, रामसनेही घाट सहित कई क्षेत्रों में कपड़े की बाजारों में सन्नाटा पसरा रहता है। निजी स्कूल के संचालकों में कई तो खुद ही ड्रेस को बनाकर अपने-अपने स्कूल या आसपास दुकान...