बाराबंकी, जुलाई 1 -- बाराबंकी। जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल जिला चिकित्सालय में आपातकालीन (इमरजेंसी) स्वास्थ्य सेवाओं के मोर्चे पर उम्मीद की बजाय चिंता का कारण बनता जा रहा है। प्रतिदिन दर्जनों गंभीर मरीज यहां इलाज की आस लेकर पहुंचते हैं, लेकिन बेड, डॉक्टर, दवाएं और सुविधाओं के अभाव में कई बार उन्हें तुरंत लखनऊ रेफर कर दिया जाता है। इमरजेंसी व्यवस्था ऐसी है कि मरीज और उनके परिजन इलाज से ज्यादा व्यवस्था से जूझते नजर आते हैं। जिला अस्पताल की इमरजेंसी यूनिट में महज 40 बेड हैं, जबकि प्रतिदिन औसतन 260 से भी ज्यादा मरीज यहां पहुंचते हैं। इनमें घायल, हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, एक्सीडेंट के शिकार, जहर खाने वाले, डिलीवरी से संबंधित गंभीर मरीजों की संख्या अधिक होती है। बेड कम होने के कारण अधिकतर मरीज स्ट्रेचर, व्हीलचेयर या जमीन पर ही पड़े रहते हैं...