बाराबंकी, जून 14 -- बाराबंकी। नए शिक्षा सत्र की शुरुआत के साथ ही जिले के छात्र-छात्राओं की दाखिले को लेकर भागदौड़ तेज हो गई है। हालांकि जिले में कई सरकारी और निजी डिग्री कॉलेज हैं, लेकिन उच्च शिक्षा में विविधता की कमी और सीमित संसाधनों के कारण छात्र-छात्राएं राजधानी लखनऊ की ओर रुख करने को मजबूर हैं। जिले के प्रमुख कॉलेजों में बीए, बीएससी, बीकॉम जैसे पारंपरिक पाठ्यक्रमों की अधिक मांग है। बीकॉम में दाखिले के लिए छात्रों को मेरिट की कड़ी प्रतिस्पर्धा से गुजरना पड़ रहा है, क्योंकि सीटें सीमित हैं और अधिकतर निजी कॉलेज ही विकल्प के रूप में मौजूद हैं, जिनकी फीस सरकारी कॉलेजों के मुकाबले कई गुना ज्यादा है। जिले के कई कॉलेजों में विषयों के लिए स्थायी शिक्षक नहीं हैं। कई विषयों में अतिथि प्रवक्ताओं के भरोसे ही पढ़ाई संचालित हो रही है। छात्रों का कहना ह...