बाराबंकी, जून 11 -- बाराबंकी। गरीबों को सस्ता और सुरक्षित आवास उपलब्ध कराने की मंशा से शुरू की गई सरकारी योजनाएं, काशीराम आवास और प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना अब खुद अपनी स्थिति पर सवाल खड़ी कर रही हैं। इन योजनाओं के तहत जिन लोगों को छत तो मिली, लेकिन उनके सामने आज भी टूटी खिड़कियां, लटकते बिजली के तार, सीलन भरी दीवारें और गंदगी का अंबार जैसी समस्याएं मुंह बाए खड़ी हैं। काशीराम कालोनी के रहने वाले तमाम लोग बताते हैं कि छत टपकती है, नालियां चोक रहती हैं, बच्चे बीमार होते हैं। बिजली के तार लटक रहे हैं, कभी भी हादसा हो सकता है। शिकायत करो तो ईओ से लेकर एडीएम तक कोई सुनवाई नहीं करता। इसके साथ ही कॉलोनियों की नालियां बजबजा रहीं, कूड़े के ढेर लगे हैं। काशीराम कॉलोनियों में रहने वाले लोग मानों कूड़े के ढेर पर बसे हैं। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के ...