बाराबंकी, अक्टूबर 13 -- जिले में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को घर-घर तक पहुंचाने में खास भूमिका निभाने वाली आशा कार्यकत्रियां सुविधाओं से वंचित हैं। ये महिलाएं गांव-गांव जाकर गर्भवती महिलाओं की देखभाल से लेकर बच्चों के टीकाकरण, परिवार नियोजन और बीमार लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने जैसे कार्य करती हैं। पर, विडंबना यह है कि जो दूसरों को स्वास्थ्य सुविधाएं दिलाने में दिन-रात लगी रहती हैं, उन्हें खुद ही सरकारी लाभ नहीं मिल पाता। आशा कार्यकत्रियों ने बताया कि उन्हें मानदेय समय पर नहीं मिलता। कई बार महीनों तक भुगतान अटका रहता है। वहीं स्वास्थ्य बीमा, पेंशन, मातृत्व अवकाश जैसी मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई जातीं। गर्मी-सर्दी, बारिश या रात किसी भी परिस्थिति में ये महिलाएं सेवाएं देने को तैयार रहती हैं, लेकिन इसके बदले में उन्हें स्थायी नौ...