बाराबंकी, नवम्बर 8 -- पिछले वर्ष की तुलना में इस बार धान की फसल काफी अच्छी होने की उम्मीद थी। पूरे सीजन किसानों ने मेहनत, देखभाल और लागत में कोई कमी नहीं छोड़ी थी। खेतों में लहलहाती फसल देखकर किसानों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी। लेकिन ठीक कटाई के समय आसमान से बरसी बेमौसम बारिश ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अचानक हुई बारिश ने धान की तैयार खड़ी फसल को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है। कई गांवों में खेत पानी में डूब गए, कटाई के लिए तैयार बालियां गिर पड़ीं और भंडारण के लिए रखी फसल भीगकर खराब हो गई। किसानों का कहना है कि इस सीजन में लागत पहले ही काफी बढ़ गई थी डीजल, खाद और मजदूरी सब महंगी होने के बाद अब यह प्राकृतिक मार सीधा आर्थिक संकट में बदल गई है। कई किसानों का दर्द यह भी है कि नुकसान का सही आकलन अभी तक नहीं हो पाया है। कई क्षेत्रों में र...