बाराबंकी, अक्टूबर 19 -- दीपावली का त्योहार रोशनी और खुशियों का प्रतीक माना जाता है, पर इसके साथ ही हर साल पटाखों और आग लगने की घटनाएं भी चिंताजनक होती हैं। आतिशबाजी और पटाखों से होने वाले हादसों से निपटने के लिए अस्पताल प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो जाती है। ऐसे हालात में जलने, आंख में चोट लगने और अन्य घटनाओं को लेकर प्रशासन भी सतर्क है। चिकित्सक बताते हैं कि बीते वर्षो की घटनाओं से पता चलता है कि पटाखों से जलने वालों में अधिकांश बच्चे और किशोर होते हैं, जिनमें कई बार गंभीर झुलसने के मामले सामने आते हैं। ऐसी स्थिति में अस्पताल प्रबंधन ने दीपावली पर बर्न यूनिट और इमरजेंसी वार्ड में अतिरिक्त स्टाफ की ड्यूटी व आवश्यक दवाइयों और बर्न ड्रेसिंग सामग्री का स्टॉक बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक संगठन ने लोगों से अपील की...
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