बाराबंकी, नवम्बर 27 -- शहर से लेकर तहसील व कस्बों तक सरकारी अस्पतालों में एंबुलेंस सेवा की व्यवस्था तो ठीक-ठाक चल रही है, लेकिन निजी अस्पतालों में एंबुलेंस व्यवस्था केवल कागज़ों में ही सिमटकर रह गई है। गंभीर मरीजों को रेफर करने के दौरान आवश्यकतानुसार एंबुलेंस उपलब्ध न होने से परिजनों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है और कई बार देरी के कारण मरीजों की जान पर भी बन आती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला अस्पतालों सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 108, 102, सरकारी एंबुलेंस सेवा समय पर मिल जाती है, लेकिन निजी नर्सिंग होम व निजी अस्पतालों में एंबुलेंस सुविधा की जानकारी बोर्ड पर भले ही लिखी रहती है, पर मौके पर एंबुलेंस का न होना आम बात है। कई अस्पतालों में एंबुलेंस चालक भी निर्धारित समय पर मौजूद नहीं रहते, जिससे मरीजों के परिजनों को निजी वाहनो...