बाराबंकी, अक्टूबर 9 -- स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और सरकारी योजनाओं के चलते दवा व्यवस्था का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि, इस बढ़ते दायरे के बीच दवा कारोबारियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दवा विक्रेताओं का कहना है कि नई व्यवस्थाओं और सख्त नियमों के चलते कारोबार चलाना दिन-ब-दिन कठिन होता जा रहा है। कई व्यापारियों का कहना है कि स्टॉक पंजीकरण, ऑनलाइन बिलिंग, समय पर टैक्स रिटर्न, नई दवा लाइसेंसिंग प्रणाली और निरीक्षण की प्रक्रियाओं में बढ़ोतरी से कार्य का बोझ बढ़ा है। कई छोटे दवा व्यवसायी तकनीकी साधनों की कमी के कारण नियमों के अनुपालन में पिछड़ रहे हैं। इसके अलावा, छोटे दवा व्यापारियों के बीच मूल्य अंतर, सप्लाई में देरी, भुगतान में अटकाव, और ऑनलाइन दवा बिक्री के चलते बाजार पर दबाव बढ़ गया है। व्यापारी संगठन इन समस्याओ...