बाराबंकी, नवम्बर 7 -- विश्वकप क्रिकेट में भारतीय महिला टीम की शानदार खिताबी जीत ने पूरे देश में जश्न का माहौल बना दिया है। यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी भर नहीं, बल्कि भारतीय खेल जगत में महिलाओं की बढ़ती ताकत, मेहनत और जज्बे का प्रतीक मानी जा रही है। लेकिन इसी के साथ एक पुराना सवाल फिर सुर्खियों में है, क्या महिला खिलाड़ियों को वाकई उतने संसाधन, अवसर और समर्थन मिलते हैं, जितने वे योग्यता रखती हैं, लोगों का कहना है कि भारतीय महिला खिलाड़ियों का सबसे बड़ा संघर्ष मैदान के बाहर होता है, उचित सुविधाओं का अभाव होता है। कई तरह की समस्याएं होती हैं। यही कारण है कि कई प्रतिभाएं उभरने से पहले ही दब जाती हैं। लेकिन महिला क्रिकेट टीम की विश्वकप जीत के बाद उम्मीदों का नया दौर शुरू हो गया है। लोगों का ऐसा मानना है कि इस जीत से महिला स्पोर्ट्स में निवेश बढ़ने की उम...