बाराबंकी, जून 8 -- बाराबंकी। जिला अस्पताल में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं को न तो ठहरने की समुचित सुविधा मिलती है और न ही खानपान या दैनिक जरूरतों की कोई व्यवस्था होती है। फिर भी मरीजों की सेवा में लगे इन प्रशिक्षुओं का उत्साह कम नहीं होता। ये पैथोलॉजी में जांचों में सहयोग करते हैं, दवा वितरण करते हैं और वार्डों में मरीजों की देखभाल करते हैं। नर्सिंग प्रशिक्षु चाहते हैं कि सरकार स्थाई भर्तियों की संख्या बढ़ाए और आउटसोर्सिंग व्यवस्था पर पारदर्शिता लाए। प्रशिक्षण के दौरान भत्ता देने और निजी अस्पतालों द्वारा वसूले जाने वाले शुल्क पर नियंत्रण की भी आवश्यकता जताई गई। नर्सिंग प्रशिक्षु अपनी मेहनत, समर्पण और सेवाभाव से स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ बनने की तैयारी में हैं, लेकिन उन्हें बेहतर सुविधाएं, पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया और आर्थिक सहयो...