बाराबंकी, अगस्त 7 -- जिला अस्पताल की ओपीडी हर दिन हजारों मरीजों से गुलजार रहती है, लेकिन मरीजों को इलाज से पहले घंटों की मशक्कत करनी पड़ती है। पर्चा बनवाने से लेकर डॉक्टर को दिखाने और फिर दवा लेने तक हर चरण में अव्यवस्था की दीवारें खड़ी हैं। हालात ऐसे हैं कि करीब 2000 मरीज रोजाना इलाज के लिए पहुंचते हैं, मगर डॉक्टरों की संख्या और व्यवस्थाएं नाकाफी हैं। अस्पताल परिसर में सुबह 7 बजे से ही मरीजों की लंबी कतारें लग जाती हैं, लेकिन पर्चा काउंटर 9 बजे के बाद ही खुलता है। एक काउंटर पर भारी भीड़ और धीमी प्रक्रिया के कारण मरीजों को पर्चा बनवाने में एक से डेढ़ घंटे का समय लग जाता है। कई बार बुजुर्ग और महिलाएं लाइन में खड़े-खड़े बेहोश तक हो जाते हैं। अस्पताल की ओपीडी में हर विभाग के लिए एक-दो डॉक्टर हैं। कई बार वे एक साथ कई मरीजों को देख रहे होते हैं। इसस...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.