बाराबंकी, अक्टूबर 7 -- शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में सरकार की आरोग्य मंदिर योजना लोगों को घर से नजदीक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिले इसके लिए शुरू की गई थी। लेकिन विभागीय उपेक्षा के चलते यह योजना महज सफेद हाथी साबित हो रही है। अधिकांश आरोग्य मंदिरों पर ताला लगा रहता है, जहां खुलते भी हैं वहां पर जांच की सुविधा है न ही दवाओं की। ऐसे में मरीजों को नजदीकी सीएचसी या फिर निजी चिकित्सकों के यहां इलाज के लिए जाना पड़ रहा है। पेश है बोले टीम की एक रिपोर्ट... बाराबंकी। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान आरोग्य मंदिर योजना देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और आम लोगों, खासकर ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को बेहतरीन इलाज मुहैया कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह योजना, जिसे पहले आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र के नाम...