बाराबंकी, अप्रैल 11 -- बाराबंकी। नई शिक्षा नीति आई मगर स्कूली छात्र-छात्राओं को भारी बस्ते से मुक्ति नहीं मिली। सुबह स्कूल के लगने और दोपहर में छूटते समय शहर की सड़कों पर भारी-भरकम बैग उठाकर पैदल व साइकिल से जाने वाले छात्र-छात्राएं परेशान दिखतीं है। अभिभावक भी परेशान हैं, मगर उनका कहना है कि कोई किताब छूट जाती है तो स्कूल में बच्चों को फटकार लगती है। ऐसे में मजबूरी में बच्चों को सारी कापी-किताबें साथ में बस्ते में रखकर भेजना पड़ता है। सोलह किलो का बच्चा और बस्ता तीन किलो से अधिक: शहर के एक स्कूल में एल केजी में पढ़ रहे पांच वर्ष के बच्चे के पिता ने बताया कि उसके पुत्र का वजन अभी कुछ दिन पहले डाक्टर के यहां सोलह किलो निकला था। उक्त छात्र के बस्ते को जब वजन कराया गया तो वह तीन किलो से अधिक का था। कक्षा सात के एक बच्चे का वजन करीब 27 किलो था। ...