बाराबंकी, मई 24 -- बाराबंकी। सुरक्षा के लिहाज से रात्रिकालीन परिवहन की स्थिति और भी बदतर है। रात 8 बजे के बाद इस रूट पर न रोडवेज की बस मिलती है, न ही कोई वैध निजी साधन। ऐसे में या तो लोगों को महंगे किराए पर निजी वाहन करना पड़ता है या फिर सड़क किनारे रात बिताने को मजबूर होना पड़ता है। डग्गामार वाहन मालिक कमाई के लालच में ओवरलोडिंग, तय रूट से बाहर जाना और बिना लाइसेंस ड्राइवरों को गाड़ी देना जैसी गंभीर लापरवाहियां करते हैं। परिवहन विभाग और पुलिस की नाक के नीचे यह सब होता है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ महीनों में ही दर्जनों बार हादसे हुए, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकला। ऐसे में जरूरत है कि इस रूट पर नियमित और समयबद्ध रोडवेज बसों की संख्या बढ़ाई जाए। परिवहन विभाग को डग्गामार वाहनों प...