बांदा, फरवरी 27 -- बांदा। हर में दो सौ से अधिक कोचिंग संस्थान हैं, जिनसे एक हजार से अधिक परिवारों का भरण-पोषण हो रहा है। प्रतिस्पर्धा के इस व्यापार में ऑनलाइन के बढ़ते दबाव ने कोचिंग संस्थानों को काफी नुकसान पहुंचाया है। छात्रों की संख्या कम हो गई है। इस चुनौती से जुझ रहे कोचिंग संचालकों का दर्द सरकारी शिक्षकों ने बढ़ा रखा है। जोकि स्कूल से मोटी तनख्वाह लेने के बाद भी छात्र-छात्राओं को प्रताड़ित कर अपने-अपने घरों में बुलाकर पढ़ा रहे हैं। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से बातचीत में कोचिंग संचालकों ने अपना दर्द बयां किया। दिनेश समेत तमाम कोचिंग संचालकों ने कहा कि इस पेशे से वही जुड़े हैं, जिन्हें नौकरियां नहीं मिलीं। शिक्षा के बलबूते परिवार का किसी तरह से भरण-पोषण कर रहे हैं। वर्तमान में कोचिंग संचालन में सबसे बड़ी समस्या ऑनलाइन क्लासेज हैं। ऑनलाइ...