बांदा, फरवरी 27 -- बांदा। शदी-ब्याह हो या धार्मिक आयोजन, हमारी मौजूदगी हर जश्न में चार चांद लगा देती है, पर अब हम खुशियों की लहर में आगे की पीढ़ी को डूबने नहीं देंगे। वजह, ज्यादा लागत, प्रतिस्पर्धा, प्रशासन का दबाव और कम आमदनी है। खानदानी पेशे में दुश्वारियों की लंबी फेहरिस्त है। यह बातें आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से संवाद के दौरान बैंडबाजा वालों ने कहीं। संजय और राकेश समेत कई बैंड मास्टरों का कहना है कि कई बार ऐसा होता है कि पार्टी मामूली सा बयाना देकर सहालग की तय तारीख के लिए बुकिंग करती है। तारीख नजदीक आने से पहले कोई न कोई वजह बताकर मना कर देती है। ऐसी स्थिति में सहालग के बीच बड़ा झटका लगता है। मांग करते हुए कहा कि हमारे और पार्टी के बीच इकरारनामे को सरकारी मान्यता मिले, जिससे बुकिंग कैंसिल करने पर उन्हें नुकसान न उठाना पड़े। ध्वनि प्...