बांदा, फरवरी 26 -- बांदा। शहर में बाबूलाल चौराहे से 100 मीटर की दूरी पर प्राइवेट बस अड्डा है। यहां से रोजाना करीब 50 से 60 बसें कमासिन, बबेरू, चित्रकूट, अतर्रा, राजापुर आदि जगहों के लिए संचालित होती हैं। हर रूट पर फर्राटा भर रहे डग्गामार वाहन बसों की आमदनी में नासूर बने हैं। इससे बसों के संचालक घाटे और कर्ज तले दबते जा रहे हैं। कई दिन स्थिति ऐसी बनती है कि डीजल और लेबर खर्च तक नहीं निकल पाता है। यह दर्द आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से प्राइवेट बस संचालकों ने बयां किए। बस संचालकों ने बताया कि उनकी बसें जनपद में तय रूट पर चलती हैं। ऑटो-टेंपो आदि का परमिट 16 किलोमीटर तक रहता है पर 40 से 60 किलोमीटर तक हर रूट पर ये वाहन फर्राटा भरते हैं। मसलन, अतर्रा चुंगी से संचालित टेंपो करीब 60 किलोमीटर दूर कालिंजर तक जाते हैं। महाराणा प्रताप चौक से संचालि...