बांदा, मार्च 19 -- बांदा। जिले में 437 ग्राम पंचायत व 761 राजस्व गांव हैं। जिसमें 342 ग्राम पंचायतों में करीब 300 से अधिक रोजगार सेवक नियुक्त हैं। गांवों को सजाने संवारने में रोजगार सेवक कोई कसर नहीं छोड़ते, लेकिन उनकी खुद की जिंदगी बेरंग हो गई है। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते रोजगार सेवकों को समस्या और दुश्वारियों ने घेर रखा है। मानदेय के लिए भी महीनों इंतजार करना पड़ता है। कई समस्याओं से जूझते हुए रोजगार सेवक अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। जिले में कई रोजगार सेवक ऐसे हैं जिनसे दो ग्राम पंचायत का काम लिया जाता है लेकिन मानदेय सिर्फ एक ग्राम पंचायत का दिया जाता है। कहने को सरकार के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं। अपनी इन्हीं परेशानियों को जनपद में कार्यरत तमाम रोजगार सेवकों ने आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान ...