बहराइच, नवम्बर 8 -- पिछले साल की तुलना में इस वर्ष धान की फसल अच्छी तो हुई, लेकिन बेमौसम बारिश ने किसानों की उम्मीद पर पानी फेर दिया। एक नवंबर से सरकारी खरीद केन्द्रों पर धान की खरीद शुरू भी हो गई है, जिले के तमाम क्रय केन्द्र ऐसे हैं जो अभी भी बंद पड़े हैं। एक सप्ताह बाद भी नहीं खुल सके हैं। ऐसे में किसान अपनी उपज आढ़तियों के हाथों माटी के भाव बेच रहे हैं। किसानों का कहना है कि खून-पसीने से उगी धान की फसल को माटी के मोल बेचना पड़ रहा है। उन्हें दूसरा कोई मार्ग नहीं सूझ रहा है। बोले बहराइच मुहिम के तहत हिन्दुस्तान ने किसानों से उनकी पीड़ा जानी तो किसानों ने कहा कि प्रकृति ने उन्हें ऐसी मार दी है कि वे इसकी भरपाई नहीं कर पाएंगे। जिले में एक नवंबर से सरकारी धान खरीद प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, मगर व्यवस्थाओं की कमी और बारिश के असर ने किसानों...