बहराइच, मई 28 -- कभी फूलों की सुगंध से महकने व युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों की किलकारियों तथा चिड़ियों की चहचहाहट से गुलजार होने वाले पार्क अब अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे हैं। स्वर्ण जयंती पार्क रिसिया अपना अस्तित्व खोता जा रहा है। वहीं गांधी पार्क नानपारा भी वर्षों से उपेक्षा का शिकार है। इसके अलावा गांधी उद्यान पार्क हाड़ा बसहरी देखरेख के अभाव पूरी तरह अस्तित्वविहीन हो गया। यहां फूलों की सुगंध बिल्कुल गायब हो गई है। ये पार्क जो कभी सुंदर और जीवंत थे, लेकिन अब उनकी देखभाल और रखरखाव की कमी के कारण उपेक्षा और अवहेलना का शिकार हो रहे हैं। पार्कों की खराब स्थिति बच्चों के मनोरंजन में बाधा डालती है, और यह समुदाय के लिए एक नकारात्मक प्रभाव डालती है। हिन्दुस्तान ने जिले के तीन पार्कों का वर्णन किया है। ये पार्क कभी पिकनिक हुआ करते थे, जो...