बहराइच, अक्टूबर 28 -- कोख में पल रही बच्ची से लेकर महिलाओं के प्रति हिंसा में पुरुष संवेदनशीलता नहीं बरत रहे। सख्त कानून के बावजूद घटनाएं हो रही हैं। बेटियों के घर से स्कूल, कालेज या बाजार जाने पर शोहदों की छेड़छाड़, फब्ती कसने की घटनाएं आमतौर पर सामने आ रही हैं। हालांकि दर्ज मामलों पर निगाह पड़ने पर महिला अपराध में पहले से कुछ कमी आई है। सरकार की मंशा के अनुरूप कामयाबी नहीं मिल रही, जितनी अपेक्षा की जा रही है। पाक्सों एक्ट में ही चार माह के भीतर लगभग 25 दोषसिद्ध अपराधियों को सजाएं हुई है। जिनमें लगभग 10 छेड़छाड़ के मामले हैं। अन्य मामले दुष्कर्म के हैं। दो वर्ष में छह अपराधियों को फांसी की सजा हुई। जिनमें चार दुष्कर्म, दो ब्लाइंड मर्डर केस से जुड़े हैं। साइको रेपिस्ट को इसी माह में तीन मामलों में आजीवन कारावास की सजा हुई, जबकि एक में फैस...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.