बहराइच, अक्टूबर 24 -- जंगल व नदियों से घिरे जिले के तराई इलाकों में सुबह शाम की हल्की ठंड के साथ मौसमी बदलाव आया है। रात ढलते ही धुंध छाने लगती है। ऐसे में शहर, कस्बों व गांव की बदहाल सड़कों के गढ्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं। लोग समझ नहीं पा रहे कि सड़क की मरम्मत का धन आखिर कहां जा रहा है। गढ्ढे वाली सड़कों की मरम्मत क्यों नहीं हो रही है। गढ्ढों में फंसकर बाइक, स्कूटी, ई-रिक्शा सवार चोटहिल हो रहे हैं। दुर्घटनाओं की वजह यह गढ्ढे वाली सड़कें हैं। जबकि जनप्रतिनिधियों का दावा है कि सुंदर चौड़ी सड़कों का जाल बिछ रहा है। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान की पड़ताल में लोगों ने निराश होकर कहा तमाम शिकायतें हुई, नतीजा शून्य है। काम धरातल पर नहीं दिख रहा है। शहर को ही लें तो मानसून सत्र के बाद जर्जर सड़कों की मरम्मतीकरण का काम युद्ध स्तर पर चला, तो लोगो...