बहराइच, सितम्बर 10 -- विकास का पैमाना तय करने वाली तराई की सड़कें हर रोज हादसों में लाल हो रही हैं। फर्राटा भरने का शौक संग नियमों की अनदेखी युवा जिंदगियों को निगल रहा है। यातायात व एआरटीओ विभाग की रिपोर्ट पर नजर डालें तो हर माह तकरीबन 50 लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं। इनमें मरने वालों में 70 फीसद युवा होते हैं जिनकी उम्र 18 से 25 वर्ष के बीच होती है। हादसों की मुख्य वजह तेज रफ्तार ही नहीं हेल्मेट का प्रयोग न करने की आदत भी है। यह हाल तब है जब बिना हेल्मेट, सीट बेल्ट पर हजार रुपए तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। बावजूद न जुर्माने का डर न जान जाने का गम। तराई में हादसे आंकड़ों का ग्राफ लगातार बढ़ा रहा है। तराई की सड़कें साल दर साल दुरुस्त हो रही हैं। अच्छी सड़कों पर वाहनों की गति भी बढ़ रही है। अब यह गति कई परिवारों की न भूलने का दर्द ...