बहराइच, सितम्बर 12 -- जिले भर में आवारा पशु एक ओर जहां किसानों की कड़ी मेहनत पर पानी फेर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सड़कों पर मौत बनकर घूम रहे हैं। ये हाल तब है जब वर्ष 2019 में सरकार ने बेसहारा गोवंशों के संरक्षण की पहल शुरू की थी। संरक्षण का इतना लंबा सफर तय करने के बाद किसानों व आमजन के लिए छुट्टा पशु नासूर बने हुए हैं। हालत यह है कि सड़कों पर खासतौर से बाइक सवार के सामने कब छुट्टा पशु आ जाए और दुर्घटना हो जाए कहा नहीं जा सकता। छुट्टा पशु लोगों पर हमला कर रहे हैं। बीते डेढ़ वर्ष में छुट्टा पशुओं के हमले से पांच लोगों की मौतें भी हो चुकी हैं। यही नहीं आवारा कुत्तों की वजह से भी लोग परेशान हैं। इनकी संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। सैकड़ों की संख्या में घूम रहे कुत्ते भी लोगों को हमला कर घायल कर रहे हैं। इतना ही नहीं मोहल्लों में डेरा जमा च...
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