बहराइच, जुलाई 19 -- बहराइच की चार तहसील के 100 से अधिक गांव घाघरा के किनारे हैं। हर साल घाघरा की क्रूर लहरें इन गांवों के 50 फीसद परिवारों को कभी न भूलने व मिटने वाला दर्द दे रही हैं। किसान की लहलहाती फसलें लगे खेत व मकान धारा में समाहित हो रहे हैं। सैकड़ों ऐसे ग्रामीण हैं, जिनके पास रहने को मकान बचा न ही फसल उगाने के लिए एक किता जमीन। भाग्य को कोसते ग्रामीण प्रशासन की उम्मीदों के दीए से खुद को रोशन करने में लगे हुए हैं। पीड़ितों का कहना है कि मदद ऊंट के मुंह में जीरा के समान मिल रही है। लेखपाल ने नजरें टेढ़ी कर ली तो वह भी हाथ से निकल जा रहा है। कटान के नाम पर हर साल अरबों रुपये का बजट भी खर्च हो रहा है, लेकिन गांव बच रहे न ही खेत। मिहींपुरवा तहसील क्षेत्र में घाघरा नदी सेतु के गाइड बांध को घाघरा नदी कटान कर रही है। काटन को त्वरित रोकने ...