बस्ती, अप्रैल 21 -- Basti News : शादी-विवाह से लेकर बड़े मांगलिक कार्यक्रमों में हजारों की संख्या जुटती है। उनके सामने स्टार्टर से लेकर लजीज व्यंजन परोसे जाते हैं। मेहमानों के जायके को बेहतरीन करने के लिए रसोइयों का ग्रुप समारोह के किसी एक कोने में जूझता है। यह कोना एक तरीके से रेड जोन होता है, जहां चूल्हे पर जलती हुई आग पर उबलता हुआ पानी, तेल, सब्जी, दूध, मसाला आदि होता है। थोड़ी सी चूक जानलेवा होती है। उसके सापेक्ष मानदेय, वेतन, सुरक्षा और सुविधा नहीं मिलती है। इसी तरह की पीड़ा बावर्चियों ने 'हिन्दुस्तान के बोले बस्ती मुहिम के तहत बातचीत में बयां की। रसोइया काम के समय दबाव और कठिन दौर से गुजरता है। पकवान पकाने के चलते किचन का तापमान काफी अधिक होता है। अधिकतर कार्यक्रम गर्मी के दिनों में होते हैं। दिन का तापमान 38 से 42 डिग्री सेंटीग्रेड...
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