बस्ती, मई 26 -- Basti News : करोड़ों की संपत्ति का लेनदेन हो या घर परिवार के संपत्ति का बंटवारा हो। विवाह को कानूनी जामा पहनाना हो या दत्तक पुत्र को अपनाना हो। संपत्ति को बेचकर रुपये जुटाना हो या जरूरी काम निपटाना हो। इन कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका 'दस्तावेज लेखक की होती है। वह अपनी कलम से तथ्यों को कानूनी रूप देता है और नियमानुसार निबंधन कार्यालय में लिखे स्टांप को बिना किसी गलती के दाखिल कराता है। लेकिन इनकी कई दुश्वारियां हैं। बैठने की जगह नहीं तो संसाधन का अभाव रहता है। दूसरों की गलती का ठीकरा स्टांप लेखकों पर थोपा जाता है। बिना बात के सीधे इनके खिलाफ भी एफआईआर होती है। पुलिस पार्टियों को खोजने के बजाए दस्तावेज लेखकों को निशाना बनाती है और वे उत्पीड़न का शिकार हो जाते हैं। 'हिन्दुस्तान से बातचीत में स्टांप लेखकों ने अपनी समस्याएं सा...